Durga Aarti PDF: मां दुर्गा की आरती हिंदी में यहां उपलब्ध है। आप यहाँ दिए गए लेख में श्री दुर्गा जी की आरती की पीडीएफ (Durga Mata Aarti PDF) देख सकते हैं। इस पीडीएफ के माध्यम से आप आरती पढ़ सकते हैं और आरती गा सकते हैं। आजकल की जिंदगी में बहुत सारी समस्याएं आती हैं।
लेकिन आपको पता है कि मां दुर्गा की आरती और उनकी भक्ति करने से यह समस्याएं आसानी से हल हो जाती हैं। इसलिए आप इस आरती की पीडीएफ का उपयोग कर, मां दुर्गा की आरती कर सकते हैं और उनसे अपनी समस्याओं का समाधान प्राप्त कर सकते हैं। इस लेख में आपको सारी जानकारी मिलेगी जिससे आप अपनी भक्ति को और अधिक मजबूत कर सकते हैं।
Durga ji Ki Aarti PDF : मां दुर्गा की आरती गाने के दौरान, हमें उन्हें अपने मन में पूरे श्रद्धा और भक्ति से याद करना चाहिए। आरती का पाठ करते समय, अपना मन पूरी तरह से शांत करके मां के चरणों में समर्थन पा सकते हैं। यदि आप मां से अधिक आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं, तो मां दुर्गा की आरती को अपने मित्रों और परिवार के सदस्यों के साथ साझा करना भी महत्वपूर्ण है।
और जो लोग मां दुर्गा की आरती (Durga Aarti in Hindi PDF) हिंदी भाषा में पढ़ना पसंद करते हैं, उन्हें इस लेख को पूरा पढ़ना चाहिए। इससे आपकी भक्ति में और भी बढ़ोतरी होगी और मां आपके प्रति और भी प्रसन्न होंगी।
Durga Aarti PDF – मां दुर्गा जी की आरती
हमारी धार्मिक परंपराओं में मान्यता है कि नवरात्रि के दौरान दुर्गा सप्ताशी के दिन जब हम दुर्गा सप्तशती कवच का पाठ करते हैं, तो वह बहुत ही शुभ माना जाता है। उसी तरह, अष्टमी के आयोजन पर जब हम दुर्गा अष्टमी व्रत कथा को सुनते हैं, तो वह हमारे लिए फायदेमंद होता है। नवरात्रि की नौवीं और अंतिम तिथि पर जब हम महानवमी व्रत कथा को सुनते हैं, कन्या पूजा करते हैं और उन्हें खाना खिलाते हैं, तो इससे मां दुर्गा खुश होती हैं। इसे और भी विशेष बनाने के लिए आप दुर्गा माता का हवन भी कर सकते हैं।

यदि किसी व्यक्ति ने निरंतर रूप से दुर्गा चालीसा का पाठ किया, तो मां दुर्गा उस पर अपनी कृपा बरसाती हैं। नवरात्रि के इन 9 दिनों में, भक्तों को चाहिए कि वे मां दुर्गा के 108 नामों का जाप करें और उनकी आरती गाएं।
नवरात्रि के पुण्यमयी अवसर पर, जब कोई श्रद्धा और पूरी भक्ति से मां दुर्गा की पूजा करता है, मां उस पर अपनी असीम कृपा बरसाती है। यह त्योहार मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की पूजा का समय है और इस समय में मां की आरती गाने से हमें अनेक आशीर्वाद मिलते हैं।
Durga Mata Aarti Hindi PDF Highlights
🔖 PDF Name | Durga Aarti PDF – श्री दुर्गा आरती |
🗣️ Language | Hindi / English |
📖 No. of Pages | 12 Pages |
📔 PDF Size | 1.7 MB |
⭐ Ratings | 5/5 |
📚 Category | Religion & Spirituality |
📉 Quality | HD Quality |
🔥 Sources | google drive |
Durga Mata Aarti Lyrics in Hindi | दुर्गा आरती PDF
जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी ।
तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥
मांग सिंदूर विराजत, टीको मृगमद को ।
उज्ज्वल से दोउ नैना, चंद्रवदन नीको ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥
कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै ।
रक्तपुष्प गल माला, कंठन पर साजै ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥
केहरि वाहन राजत, खड्ग खप्पर धारी ।
सुर-नर-मुनिजन सेवत, तिनके दुखहारी ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥
कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती ।
कोटिक चंद्र दिवाकर, सम राजत ज्योती ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥
शुंभ-निशुंभ बिदारे, महिषासुर घाती ।
धूम्र विलोचन नैना, निशदिन मदमाती ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥
चण्ड-मुण्ड संहारे, शोणित बीज हरे ।
मधु-कैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥
ब्रह्माणी, रूद्राणी, तुम कमला रानी ।
आगम निगम बखानी, तुम शिव पटरानी ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥
चौंसठ योगिनी मंगल गावत, नृत्य करत भैरों ।
बाजत ताल मृदंगा, अरू बाजत डमरू ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥
तुम ही जग की माता, तुम ही हो भरता,
भक्तन की दुख हरता । सुख संपति करता ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥
भुजा चार अति शोभित, खडग खप्पर धारी ।
मनवांछित फल पावत, सेवत नर नारी ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥
कंचन थाल विराजत, अगर कपूर बाती ।
श्रीमालकेतु में राजत, कोटि रतन ज्योती ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥
श्री अंबेजी की आरति, जो कोइ नर गावे ।
कहत शिवानंद स्वामी, सुख-संपति पावे ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥
जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी ।
Durga Mata Aarti Lyrics in English | दुर्गा आरती PDF
Jai Ambe Gauri,Maiya Jai Shyama Gauri।
Tumako Nishidina Dhyawata,Hari Brahma Shivari॥
Jai Ambe Gauri
Manga Sindura Virajata,Tiko Mrigamada Ko।
Ujjavala Se Dou Naina,Chandravadana Niko॥
Jai Ambe Gauri
Kanaka Samana Kalewara,Raktambara Rajai।
Raktapushpa Gala Mala,Kanthana Para Sajai॥
Jai Ambe Gauri
Kehari Vahana Rajata,Khadga Khapparadhari।
Sura-Nara-Muni-Jana Sevata,Tinake Dukhahari॥
Jai Ambe Gauri
Kanana Kundala Shobhita,Nasagre Moti।
Kotika Chandra Diwakara,Sama Rajata Jyoti॥
Jai Ambe Gauri
Shumbha-Nishumbha Bidare,Mahishasura Ghati।
Dhumra Vilochana Naina,Nishidina Madamati॥
Jai Ambe Gauri
Chanda-Munda Sanhare,Shonita Bija Hare।
Madhu-Kaitabha Dou Mare,Sura Bhayahina Kare॥
Jai Ambe Gauri
Brahmani RudraniTuma Kamala Rani।
Agama-Nigama-Bakhani,Tuma Shiva Patarani॥
Jai Ambe Gauri
Chausatha Yogini Mangala Gavata,Nritya Karata Bhairun।
Bajata Tala Mridanga,Aru Bajata Damaru॥
Jai Ambe Gauri
Tuma Hi Jaga Ki Mata,Tuma Hi Ho Bharata।
Bhaktana Ki Dukha Harata,Sukha Sampatti Karata॥
Jai Ambe Gauri
Bhuja Chara Ati Shobhita,Vara-Mudra Dhari।
Manavanchhita Phala Pavata,Sevata Nara-Nari॥
Jai Ambe Gauri
Kanchana Thala Virajata,Agara Kapura Bati।
Shrimalaketu Mein Rajata,Koti Ratana Jyoti॥
Jai Ambe Gauri
Shri Ambeji Ki Aarti,Jo Koi Nara Gavai।
Kahata Shivananda Swami,Sukha Sampatti Pavai॥
Jai Ambe Gauri
Maa Durga Mantra in Hindi :
1. या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मीरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
या देवी सर्वभूतेषु तुष्टिरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
या देवी सर्वभूतेषु दयारूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
या देवी सर्वभूतेषु बुद्धिरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
या देवी सर्वभूतेषु शांतिरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
2. ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।
3. सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते।।
4. नवार्ण मंत्र
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै
नवरात्र के दौरान इन मंत्रों का जाप करना भक्तों के लिए लाभदायक बताया गया है।
दुर्गा पूजा का महत्व : Durga Aarti PDF
दूर्गा पूजा हिन्दू समाज में एक प्रमुख त्योहार है जिसका धार्मिक, सांस्कृतिक और समाजिक महत्व बहुत अधिक है। यह पूजा आश्विन मास में षष्ठी से आरंभ होकर दशमी तक चलती है। इस समय, मंदिर और घरों में खास तरह से सजावट की जाती है और एक विशेष धार्मिक वातावरण बनता है।
बहुत सारे लोग इस अवसर पर अपने घर में ही माँ दुर्गा की पूजा की विधिवत व्यवस्था करते हैं और वे उपवास भी रखते हैं। इस पूजा के माध्यम से हम माँ की स्त्री शक्ति की आराधना करते हैं। दूर्गा पूजा के समय बहुत सी जगहों पर मेलों का आयोजन भी होता है जिसमें लोग बड़े उत्साह से भाग लेते हैं।
दुर्गा पूजा से जुडी कथाएं : Durga Aarti PDF
Durga Aarti PDF: दुर्गा पूजा हिंदू धर्म में एक विशेष महत्व का त्योहार है, जिसकी जड़ें एक प्राचीन कथा में बसी हैं। ऐसी मान्यता है कि इस त्योहार के पीछे महिषासुर के संहार की घटना है। महिषासुर, एक शक्तिशाली असुर था जिसने भगवान ब्रम्हा से एक ऐसा वरदान प्राप्त किया था कि किसी देवता या असुर द्वारा उसे पराजित नहीं किया जा सकता।
उसकी इस अद्भुत शक्ति के चलते, वह स्वर्गलोक के देवताओं और पृथ्वीलोक के मनुष्यों को परेशान कर रहा था। एक दिन, उसने स्वर्ग में अचानक हमला बोल दिया, जिससे वह स्वर्ग की सींग पकड़ ली। देवता, जिन्हें इस परिस्थिति का सामना करना पड़ा, तीन मुख्य देवताओं – ब्रम्हा, विष्णु और महेश – के पास सहायता मांगने पहुंचे। जब सारे प्रयास नाकाम रहे, तो देवताओं ने मिल के देवी दुर्गा का निर्माण किया, जिन्हें पार्वती और शक्ति के रूप में भी पुकारा जाता है।
देवी दुर्गा ने महिषासुर से नौ दिनों तक संघर्ष किया और अंतत: दसवें दिन उसे हराया। इसी जीत की याद में हिंदू धर्म के अनुयायी दुर्गा पूजा को मनाते हैं, और जिस दिन देवी ने असुर को हराया, वह विजयादशमी के रूप में जाना जाता है।
निष्कर्ष : Durga Aarti PDF (दुर्गा पूजा)
इस समीक्षा में, हमने माता दुर्गा जी की आरती की पीडीएफ (Durga Aarti PDF) उपलब्ध करवाई है। इस प्रस्तुत पीडीएफ (Durga Aarti PDF) की सहायता से आप सहजता से माँ दुर्गा की आरती पढ़ सकते हैं और उन्हें प्रसन्न कर सकते हैं। जैसा कि हमने ऊपर स्पष्ट किया है, माता दुर्गा की आरती के समय मन में अधिकतम श्रद्धा और विश्वास होना चाहिए, ताकि माता जी से आपका संवाद हो सके।
यदि आप अधिक ऐसी भक्तिपूर्ण और धार्मिक आरती की पीडीएफ (PDF) चाहते हैं, तो कृपया हमारी वेबसाइट पर बार-बार आएं।